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813th Urs of Ajmer Khawaja Garib Nawaz Saheb, a chadar was sent on behalf of the Kachhi Memon Jamaat:अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज साहब के 813 वें उर्स के मौके पर कच्छी मेमन जमात की ओर से मजार शरीफ के लिए चादर रवाना

813th Urs of Ajmer Khawaja Garib Nawaz Saheb, a chadar was sent on behalf of the Kachhi Memon Jamaat:अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज साहब के 813 वें उर्स के मौके पर कच्छी मेमन जमात की ओर से मजार शरीफ के लिए चादर रवाना

अकोला- 

।। गरीब आए है दर पर तुम्हारे गरीब नवाज ||
|| करो गरीब नवाजी मेरे गरीब नवाज ||

हिन्दू - मुस्लिम कॉमी एकता के प्रतीक , हिन्द के बादशाह हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रह. अलैह ( गरीब नवाज) साहब के 813 व उर्स

सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेर के 813 वें उर्स के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी अकोला कच्छी मेमन जमात की ओर से मजार शरीफ के लिये अकोला से चादर रवाना की गई. मोहम्मद अली चौक
के एम टी हॉल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सभी ने चादर के दर्शन लिए, फिर देश में अमन चैन के लिये दुवा मांगी अजमेर शरीफ का 813 वां उर्स 29 दिसंबर से शुरू हो गया   है और 10 जनवरी तक उर्स की सभी रस्में पूरी हो जाएंगी. रजब महीने का चांद दिखाई देते ही रात से ही उर्स की महफिल शुरू हो जाती है देर रात को गरीब नवाज की मजार को गुस्ल देने का सिलसिला शुरू हो जाता है
गुस्ल दिए जाते हैं,उर्स की शुरुआत 2 जनवरी 2025 से होगी। साल में चार बार खुलने वाला जन्नती दरवाजा उर्स में 2 जनवरी को  सुबह खुलेगा जो 7 जनवरी 25 तक खुला रहेगा।  उर्स शुरू होने के अगले ही दिन जुम्मे की नमाज होगी। लिहाजा अनुमान लगाया जा रहा है कि उर्स पर छोटे कुल के समय यानी छठी शरीफ 7 जनवरी 2025 पर जायरीन की आवक अधिक होगी। उर्स में बड़े कुल की रस्म उर्स के अंतिम दिन यानी 10 जनवरी 2025 को होगी। उर्स में आए जायरीन इत्र, गुलाबजल और केवड़े के पानी से ख्वाजा की दरगाह के तमाम दरो—दीवारों को धोएंगे।
जन्नती दरवाजा 6 दिनों के लिए लगातार खुला रहता है. 6 तारीख को यानी छठी शरीफ को सुबह जायरीनों के लिए बंद किया जाता है, क्योंकि छटी शरीफ की रस्में मजारे मुबारक में अदा की जाती है. इस तरह से उर्स की सभी विधि पूरी की जाएंगी. अकोला से अजमेर शरीफ पर चादर रवाना करते वख्त अकोला पश्चिम के नवनिर्वाचित आमदार सजिद खान पठान,माजी जुलूस कमेटी के अध्यक्ष हाजी मुदाम भाई अकोला कच्छी मेमन जमात के
अध्यक्ष जावेद जकारिया, सहसचिव वाहिद मुसानी, कच्छी मस्जिद के मुतवल्ली अजाज सूर्या,नायाब मुतवल्ली हाजी यासीन बच्चाव, सदस्य हाजी हनीफ मलक,हाजी फारूक भुरानी, हाजी इम्तियाज गनोदवाला, सम्मीर भुरानी, मोहम्मद अली, अबूतल्हा, जावेद खान, तौकीर थड़ी, हारून जरियावाला, हाजी रउफ बबला,हाजी अशरफ गाजी,हाजी नदीम ज़िमरी,जुनैद थड़ी,जीशान खान,इदरीस मलक,आसिफ महान वाला,हनीफ़ मलक फारूक गनोदवाला,हाजी रफ़ीक लखानी, हाजी अशरफ गाज़ी,हाजी अनिक साहब,हाजी इल्यास जुड़ा,हाजी इकबाल विंधानी,डॉ शोहेब चिस्ती, आरिफ राबानी,सम्मीर नक्शबंदी, फहीम भाई सबरी,शाहिद पिंजरा,हाजी रउफ बबला,गुडू उर्फ साकिब मेमन
महमूद खान पठानफहीम चिश्ती उपस्थित थे अंत में कच्छी मस्जिद के इमाम साहब मुफ्ती सादिक साहब और अकील मिज़बाई साहब ने दुआ की और चादर अजमेर शरीफ के लिये यासीन भाई देड़ा के हाथों रवाना की गयी

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