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दृढ संकल्प ही सफलता की सिढी-माँ कनकेश्वरी

दृढ संकल्प ही सफलता की सिढी-माँ कनकेश्वरी
अकोला-कोई भी महान एवं कठीण कार्य यह संकल्प से सिद्ध होता हैं.अबतक के अनेक अनुभव से यह सिद्ध भी हुवा हैं. केवल संकल्प करने से ही कार्य का आधा काम पहले ही होता हैं.संकल्प की दृढता यह कार्य के संपूर्ण सफलता की निशाणी हैं.जीवन मे कोई भी कार्य करते समय सर्वप्रथम संकल्प का अंगीकार करे ऐसा हितोपदेश माँ कणकेश्वरी देवी ने किया.सद्गुरू परिवार व मनोज संघई,सौ सुष्मा संघई की ओरसे गोरक्षण रोड परिसर स्थित गोरक्षण संस्थान मैदान के सत्संग धाम मे चल रहे माँ कनकेश्वरी के  भागवत एकादश स्कंध कथा का द्वितीय पुष्प पिरोते हुये उन्होने संकल्प पर इस सत्र मे प्रकाश डाला.भागवत एकादश स्कंध की पूर्व पीठिका प्रस्तुत करते हुये उन्होने संकल्प की परिभाषा प्रतिपादित की. जीवन मे अनेक प्रकार की समस्या निर्माण होती हैं.शारीरिक,मानसिक एवं आर्थिक अवस्था के कारण हात मे लिया कार्य होता नही.हम दुखी हो जाते हैं.
कोई उपाय नही मिलता.ऐसे मे केवल दृढ संकल्प ही एकमेव सहारा होने की बात उन्होने कही.संकल्प की दृढता यह सफल कार्य की बुनियाद हैं,कुछ भी हो जाय पर मुझे वह करना ही हैं यह निशाणी हा दृढ निश्चय की परिचायक हैं. कमजोर एवं निर्बल व्यक्ती भी दृढ संकल्प से सफलता का शिखर चढ सकता हैं. दृढ संकल्प से आंतरिक व मानसिक व्यवस्था मे चैतन्यता निर्माण होकर यह  चैतन्यता हमारे कार्य मे सकारात्मक ऊर्जा निर्माण कर हमी सफलता की तरफ ले जाती हैं,इसलिये हमारे कार्य के सफलता हेतु  दृढ संकल्प का अंगीकार करने का आवाहन माँ कणकेश्वरी ने किया.इस सत्र मे उन्होने एकादश स्कंध पर सुंदर विवेचन किया.भागवत एकादस स्कंद यह अधिकार का स्कंद है.हम भगवान से कुछ ना कुछ मांगते रहते हैं. किंतु पात्रता न होने से हमे ऊस कृपा के वांछित विषय की प्राप्ती नही होती हैं.

मनोवंछित प्राप्ती हेतू सर्वप्रथम भगवान को कुछ न मांगते हुये केवल पात्र अथवा योग्यता बरसने की कृपा मांगे.योग्यता से सभी कुछ प्राप्त होता हैं ऐसा हितोपदेश उन्होने इस संगीतमय सत्र मे किया.सत्र का प्रारंभ माँ कनकेश्वरी के पूजन व स्वागत से हुवा.रविवार दिनांक 6 नवम्बर तक नित्य दोप 3 से साय 6 बजे तक चल रहे माँ कनकेश्वरी देवी के भागवत एकादश स्कंध कथा का भकतो ने बडी संख्या मे लाभ लेने का आवाहन डॉ.प्रविण सपकाळ, डॉ.संपदा सपकाळ, शिवदास राजुरकर,शारदा राजुरकर, तोष्णीवाल,विजय दम्माणी,रमेशचंद्र चांड़क,राजीव मुंदडा,आशिष पवित्रकार,कमलाकर देशमुख,विश्वास गावंडे,रुपेश भोलवणकर,संतोष जयस्वाल,अविनाश देशमुख,कांताताई पवित्रकार, शारदा डायकर,विजय इंगळे,बाळ टाले,रवी भंसाली, मीनाक्षी भंसाली समेत गौरक्षण संस्था प्रमुख दिपक भरतीया,विजय जानी आदीं ने किया.

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