'Lumpy skin disease': 'लम्पि त्वचा रोग': प्रभावित जानवरों का दूध सुरक्षित
अफवाहों पर विश्वास न करें-पशुपालन विभाग की अपील
अकोला, - लंम्पि चर्म रोग एक संक्रामक रोग है और यह मवेशियों का चर्म रोग है। लंम्पि त्वचा रोग मानव स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं है क्योंकि यह जानवरों से मनुष्यों में नहीं फैलता है। साथ ही पशुपालन विभाग ने अपील की है कि प्रभावित गाय का दूध भी सुरक्षित है और इसके बारे में किसी भी अफवाह पर विश्वास नहीं करना चाहिए और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है। ऐसी जानकारी जिला पशुपालन उपायुक्त डॉ. जगदीश बुकतरे ने दी है।
संक्रमित पशुओं का दूध सुरक्षित
पशुपालन विभाग द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, लंम्पि त्वचा रोग एक वायरल त्वचा रोग है जो अधिकांश मवेशियों को प्रभावित करता है। इस रोग का कारण बनने वाला विषाणु देवी विषाणु समूह के कैप्री पॉक्स इस वर्ग में आता है। यह सभी उम्र के जानवरों को प्रभावित करता है और छोटी उम्र के जानवरों को इस बीमारी से संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। लंम्पि रोग जानवरों से मनुष्यों में नहीं फैलता है। इसलिए मानव स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं है। साथ ही पशुपालन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह रोग प्रभावित पशुओं के दूध से नहीं फैलता है। दूध को उबालने के बाद लंम्पि रोग का वायरस उच्च तापमान पर जीवित नहीं रहता है। इसलिए इस दूध से इंसानों को कोई खतरा नहीं है। इस बीमारी को लेकर सोशल मीडिया के जरिए गलत जानकारी फैलाई जा रही है और ऐसी अफवाहों पर भरोसा ना करें। पशुपालन विभाग ने जानकारी दी है कि इस तरह की हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उपचार और टीकाकरण मे आई गति
पशुपालन विभाग प्रभावित पशुओं के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है और सभी पशु चिकित्सालय प्रभावित पशुओं का इलाज और टीकाकरण कर रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में 10 पशुधन विकास अधिकारी और 11 पशुधन पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। साथ ही, क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावित पशुओं का उपचार, लंम्पि रोग से बाधित का टीकाकरण, आदि जैसे उपाय लागू किए गए हैं।
जिले में 1 लाख 65 हजार 200 वैक्सीन टिको का वितरण
पशुपालन विभाग के माध्यम से अकोला जिले को 1 लाख 65 हजार 200 वैक्सीन की मात्रा वितरित की जा चुकी है। साथ ही लंम्पि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पशुपालन विभाग के माध्यम से जनजागरूकता फैलाई जा रही है। इस समय अकोला जिले में 57 इपिसेंटर हैं और 834 संक्रमित जानवरों में से 355 जानवर ठीक हो चुके हैं। तो 472 सक्रिय पशु रोगी हैं। 57 गांवों के 5 किमी के दायरे में कुल 58 हजार 28 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। लंम्पि चर्म रोग का रोगी पाए जाने पर तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क करें ऐसी अपील जिला पशु संवर्धन उपायुक्त डा. जगदीश बुकतरे ने की है।
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