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वडाली देशमुख नदी मे बाढ़ आने से नन्हे छात्रों का जानलेवा प्रवास

वडाली देशमुख नदी मे बाढ़ आने से नन्हे छात्रों का जानलेवा प्रवास

बोर्डी नदी पर पुल न होने से गांव का संपर्क टूटा

शिवाजी नगर के नागरिक जीते जी भुगत रहे हैं नरक यातना
अकोला- इन दिनों अकोला जिले के अधिकांश नदी नालों में बाढ़ जैसे हालात निर्माण हुए हैं जिसको लेकर लगातार प्रशासन सतर्क रहने एवं बाढ़ का पानी बहने वाली नदी नालों से दूर रहने की अपील कर रहा है किंतु अकोट तहसील अंतर्गत आने वाले वडाली देशमुख के नागरिक बोर्डी नदी बाढ़ आने के बावजूद यहां से जाने को मजबूर है। आपको बता दें कि राजनीतिक दृष्टिकोण से वडाली देशमुख यह गांव बहुचर्चित है किंतु विकास के नाम पर यहां पर जैसे थे वैसे की अवस्था है। गांव में किसी भी प्रकार की सुख सुविधाएं उपलब्ध नहीं है  यह एक छोटा सा गांव बोर्डी नदी के किनारे बसा है। पूरे गांव में मजदूर वर्ग का संपर्क शहर से टूट गया है विगत कई सालों से इस बस्ती में नागरिकों को किसी भी प्रकार की सुख सुविधा उपलब्ध नहीं होने से तथा दैनिक भूख मिटाने के लिए लगने वाला किराना व अन्य साहित्य कहां से लाए यह बड़ा प्रश्न निर्माण हुआ है। 
इसके कारण नागरिक अपनी जान को जोखिम में डालकर   बाढ़ के पानी को चीरते हुए  जीवन उपयोगी वस्तुओं को लाने के लिए नदी पार करते हुए दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं जो भविष्य के सितारे हैं छोटे-छोटे छात्र भी गांव में शाला में शिक्षा हासिल करने के लिए जान को जोखिम में डालकर इस बाढ़ के पानी को पार करके  शिक्षा हासिल करने जाते हैं  जो एक गंभीर मुद्दा है इस और अब तक किसी भी राजनीतिक नेता, विधायक, जिला परिषद तथा स्थानीय ग्राम पंचायत प्रशासन के माध्यम से किसी प्रकार की निधि एवं छोटे खानी पूल की निर्मिती नहीं की गई है। इसका खामियाजा शाला के छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें अपनी शिक्षा हासिल करने के लिए ऐसे दिन देखने पड़ रहे हैं। नदी में फूल ना होने के कारण कई छात्र शिक्षा से वंचित रह रहे हैं जिसको लेकर स्थानीय नागरिकों ने विगत कई वर्षों से संबंधित विभागों से यही मांग की है कि उन्हें न्याय दिया जाए एवं बोर्डी नदी में एक फूल का निर्माण किया जाए अन्यथा यहां पर बड़ा हादसा हो सकता है।

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