आवास योजना के लिए रिश्वत मांगने वाले चार चढ़े एसीबी के हत्थे
अकोला-आर्थिक दुर्बल और पिछड़ा वर्ग के समाज के नागरिकों को उनके हक का घर मिले इसलिए सरकार द्वारा विभिन्न आवास योजनाए शुरू की है। किंतू घरकुल निर्माण कार्य के लिए तीसरे हफ्ते का चेक निकालने हेतु ₹5000 की रिश्वत की मांग की गई। बाद में कम ज्यादा करके ढाई हजार रुपए स्वीकारें गए। जिसमें खड़की टाकली के उपसरपंच के साथ तीन और भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने मंगलवार की रात रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह कार्यवाही मंगलवार देर रात की गई। दिलीप दौलत सदाशिव, अमित युवराज शिरसाट, सुधीर मनतकार एवं योगेश अरुण शिरसाट ऐसे रिश्वतखोर आरोपियों के नाम है। व्यवसाय से किसान मजदूर रहने वाले शिकायतकर्ता इनका प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत मंजूर घर का जिओ टैगिंग करके तीसरे हफ्ते का चेक निकालने के लिए अमित युवराज सिरसाट ने ₹5000 रिश्वत की मांग की थी। आखिर में ढाई हजार में रिश्वत स्वीकारी गई तथा अन्य आरोपियों ने उसे समर्थन दिया। इस प्रक्रिया में रिश्वत लेने वालों में खड़की टाकली के उपसरपंच दिलीप दौलत सदाशिव, आगर के ग्रामीण गृह निर्माण अभियंता अमित शिरसाट, अकोला पंचायत विभाग के लिपिक सुधीर मानतकर और अमानत पुर के रोजगार सेवक योगेश सिरसाट इन्होंने अलग-अलग प्रकार से ₹5000 रिश्वत की मांग की थी किंतु शिकायतकर्ता को रिश्वत नहीं देना था जिसके कारण उसने अपनी शिकायत अकोला भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के पास की। इस शिकायत के आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक पथक ने पंचों के सामने 21 जून को जांच पड़ताल की जिसमें रिश्वत मांगने का निष्पन्न हुआ। उसके बाद जाल बिछाकर आगर मे मानधन पर रहने वाले इंजीनियर के निवास स्थान पर ₹2500 की रिश्वत लेते हुए इसमें सरपंच दिलीप सदाशिव, मानधन तत्वों पर नियुक्त अभियंता अमित शिरसाट एवं रोजगार सेवक योगेश के साथ इन तीनों को कब्जे में लिया गया है तथा सुधीर मनतकार इसे भी आरोपीयो में समावेश किया गया है। इस प्रकरण में पुलिस स्टेशन में अपराध दर्ज किया गया यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निरोधक पथक के पुलिस उप अधीक्षक शरद नेमाने, अनवर खान, संतोष दहीहंडे आदि ने की। आगे की जांच जारी है इस कार्रवाई से आवास योजना में चलने वाला भ्रष्टाचार कम होने की संभावना नागरिक दर्शा रहे हैं।
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