आयएमए के वैद्यकीय वर्ग में प्रस्तावित मांगों को लेकर किया निषेध
अकोला.. विगत वर्ष से करोना संकट से मरीजों की दिन-रात सेवा कर रहे वैद्यकीय वर्ग पर हमलों मे तेजी से बढोत्तरी हो रही हैं. केंद्र सरकार ने डॉक्टर एवं अस्पतालों पर हो रहे हमले के संदर्भ में हमला प्रतिबंध विधेयक गठित कर वह गृह मंत्रालय को भेजा है. किंतु अब तक यह बिल अमल में नहीं आने से वैद्यकीय वर्ग संकट में है. इस विधेयक को पारित करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय वैद्यकीय संगठन के तत्वाधान में स्थानीय आयएमए की शाखा ने निषेध व्यक्त किया. आयएमए सभागृह के समीप वैद्यकीय वर्ग ने काला मास्क एवं काली फित बांधकर निषेध व्यक्त कर अपनी संवेदनाये व्यक्त की. केंद्र सरकार ने मरीजों की सेवा कर रहे डॉक्टरों पर ध्यान देकर इस पर लंबित विधेयक को पारित करने की मांग डॉक्टरो ने हात मे फलक लेकर की.स्थानीय शाखा अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र काले ने अपना मनोगत व्यक्त कर स्वास्थ मंत्रालय ने प्रलंबित डॉक्टर हमला विधेयक को तुरंत अमल मे लानें की मांग की.
इस अवसर पर आयएमए के सचिव डॉ.तेजस वाघेला, डॉ.अमोल केलकर,कोषाध्यक्ष डॉक्टर रंजीत देशमुख,डॉ. पराग माहेश्वरी, डॉ. अनुप जोशी, डॉ. मनोज ठोकळ, डॉ. वंदना चांडक, डॉ. प्रदीप चांडक, डॉ. रवींद्र चौधरी,डॉ अविनाश पाटील,डॉ.सौ.जयपुरी, डॉ वर्षा घाटे, डॉ प्रमोद घाटे,डॉ सौ.रांदड,डॉ. वंदना सिंगी, डॉ.शशिकांत मोरे,डॉ. मीनाक्षी मोरे,डॉ. कमल लढ्ढा, डॉ. के के अग्रवाल, डॉ.राम शिंदे,डॉ. अश्विन मापारी, डॉ.अभिषेक भागवत ,डॉ.आशा निकते,डॉ.अजय संघवी,डॉ.किशोर पाचकोर,डॉ.अनुपम बागडी,डॉ. श्रद्धा सलामपुरिया,डॉ.प्रशांत मुलावकर,डॉ.वासंती थोते,डॉ.संगीता काळे,डॉ. प्रविना चौखंडे,डॉ.सीमा तायडे,डॉ. फेलिझ खान समेत महानगर के बहुसंख्य महिला पुरुष डॉक्टर्स उपस्थित थे..
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