प्रलंबित मांगों के लिए आशा स्वयंसेविका एवं गट प्रवर्तक महिलाओं का आंदोलन शुरू
अकोला..करोना कार्यकाल में सार्वत्रिक लसीकरण मुहिम में अपनी सेवाएं दे रही आशा स्वयंसेविका एवं गट प्रवर्तक महिलाओं का मानधन एवं अन्य सुविधाएं संदर्भ मे आशा स्वयंसेविका एवं गट प्रवर्तक महिलाओं ने राज्यव्यापी आंदोलन प्रारंभ किया है. इस संदर्भ में मंगलवार को जिलाधिकारी को आशा स्वयंसेविका एवं गट प्रवर्तकोका प्रतिनिधित्व करने वाली आशा वर्कर्स एवं गट प्रवर्तक संघटना, अकोला वाशिम सीटू की ओर से निवेदन देकर प्रलंबित मांगों को सुलझाने हेतु निवेदन प्रस्तुत किया.करोना संकटकाल में आशा स्वयंसेविका एवं गट प्रवर्तक महिलाओं को दिनरात काम करना पड़ रहा है. हर घर पर जाकर जांच करना, मरीजों का रिकॉर्ड रखना, करोना लसीकरण मुहिम के अंतर्गत शिविर लगाकर कार्य करना आदि काम उनके ऊपर सौपे गए हैं. इस तरह के ज्यादा काम उन्हें करने पड़ रहे हैं. कामों का बोजा बढने से उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे मे आशा एवं गट प्रवर्तक महिलाओं की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं लसीकरण केंद्र कैंप में सुबह से शाम तक 8 घंटे की ड्यूटी लगाई जा रही है. एवं एंटीजन जांच में भी भाग लेने का काम दिया जा रहा है. इसके अलावा शासन की सभी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम भी सर्वे के माध्यम से आशा एव गट पर्यवेक्षिका कर रही है. ऐसें घटक के प्रलंबित मांगों को शासन ने सुलझा ने की मांग निवेदन मे की गयी.आशा स्वयंसेवी काओ को आठ हजार एवं गट प्रवर्तक वर्ग को बावीस हजार रुपये प्रति माह वेतन देने की मांग भी निवेदन में की गई है. इसके अलावा आशा सेवकों को संबंधित नगर परिषद 300 प्रतिदिन भत्ता दे रही है. कुछ नगरपालिका ने इसके अतिरिक्त कुछ भी मानधन नहीं देने से ऐसी महिलाओं में घोर निराशा उत्पन्न हुई है. ग्रामीण विभाग के आशा के इस तरह मानधन में भी विषमता बढ़ती जा रही है. इसलिए ग्रामीण विभाग की आशा स्वयंसेविका को एवं गट प्रवर्तक वर्ग को प्रति दिन 300 रुपये एवं केंद्र सरकार के 1 हजार रुपये प्रतिमाह भत्ता देने की मांग भी निवेदन में की गई है. निवेदन की प्रतिया मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, अकोला मनपा आयुक्त तथा जिला आरोग्य अधिकारी को भी दी है. निवेदन के समय आशा वर्कर्स एवं गट प्रवर्तक संघटना अकोला वाशिम सीटू के अध्यक्ष कॉ. राजन गांवडे, सचिव कॉ.संध्या डीवरे, उपाध्यक्ष संतोष चीपडे,कोषाध्यक्ष रूपाली धांडे, रेणुका भारस्कर, बबीता जाधव, माधुरी पतंगे, संगीता खंडारे, पदमा खोलगडे, अर्चना मानकर, अलका तायडे ,उमा ईसायकर,अनीता वानखेड़े, मिरा थोटे, रूपाली कोल्हे, आशा म्हसने, इंदुताई पाचपोहे,ज्योति पतोंड,सुकेशनी तायडे, सुमित्रा कांबळे समेत बहुसंख्य आशा सेविका एव गट प्रवर्तक उपस्थित थीं.
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