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लचर सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा दुरुस्त करने हेतु उपाय करने की एमपीजे की मांग

लचर सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा दुरुस्त करने हेतु उपाय करने की एमपीजे की मांग
अकोला -राज्य में बढ़ते करोना महामारी में मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है.जिससे शासकीय अस्पतालों में एवं ग्रामीण अस्पतालो में ऑक्सीजन एवं संसाधनों का अभाव दिख रहा है.राज्य के अनेक शासकीय अस्पतालों में अस्पतालों का खस्ताहाल दिख रहा है.एक बेड पर डेढ़ काफी मरीज उपचार ले रहे हैं.इसमें मरीजों के मृत्यु का प्रमाण भी काफी बढ़ गया है.शासकीय अस्पतालों में ऑक्सीजन एवं दवाइयों का ना होना लचर स्वास्थ सेवा होने का जीता जागता प्रमाण है.बढ़ते संकट में राज्य में लचर होती सार्वजनिक आरोग्य सेवा दुरुस्त करणे की मांग एमपीजे ने की है.इस महामारी के प्रथम चरण में जिले से तहसील तक सभी शासकीय अस्पताल,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं ग्रामीण रुग्णालय का सर्वेक्षण किया गया है.जिसमे अनेक खामिया दिखाई दी है.वहा दवाइयों,ऑक्सीजन,संसाधन,कर्मचारी आदी  का अभाव दिखाई दिया.इस संदर्भ में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजेश टोपे को रिपोर्ट प्रस्तुत कर राज्य के शासकीय अस्पतालों की खामियों से अवगत कराया था.इसमें नागरिकों को सस्ती दवाइयां एवं उपचार राज्य के जी डीपी में 2% राशि उपलब्ध कराने की मांग कर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एस्टाब्लिशमेंट कानून को लागू करने की मांग इस अवसर पर की थी.इसे देखते यह लचर स्वास्थ सेवा सशक्त करने हेतु नए उपाय करने की मांग एमपीजे के जिल्हाध्यक्ष मो.अतीक उर रहमान ने की .

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