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8 वर्षीय अशमीरा ने रखा अपनी जिंदगी का पहला रोजा...!

8 वर्षीय अशमीरा ने रखा अपनी जिंदगी का पहला रोजा...!
अकोला-मुस्लिम समाज का रमजान पवित्र माह चल रहा है। जिसमें रोजे रखे जाते हैं। अकोट तालुका के मुंडगांव निवासी अश्मीरा यह 8 वर्षीय बालिका ने अपनी  जिंदगी का पहला रोजा 18 अप्रैल को रखा था। जिसकी सभी और सराहना की जा रही है। फिलहाल पवित्र रमजान माह शुरू है। जिसमे मुस्लिम समाज में इस मह को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है। यह विगत 2 से 3 साल से  कड़क धूप में आ रहा है।  फिर भी धूप की परवाह न करते हुए मुस्लिम समाज के लोग अपना रोजा रख रहे हैं इसमें विशेष कहा जाए तो छोटे-छोटे बच्चे भी रोजे रखकर रमजान माह की शान बढ़ा रहे हैं। ग्रीष्म काल का दिन होने के बावजूद भी  अश्मीरा अजीज खान पठान मुंडगाव इस 8 वर्षीय बालिका ने 18 अप्रैल को अपने जीवन का पहला रोजा रखा था। रोजा रखते समय सुबह 4:00 के पहले आहार लिया था। बता दें कि दैनंदिन  कामकाज संभाल कर किसी भी प्रकार का आहार एवं पानी देखी ना पीते हुए रोजा रखा जाता है। इस समाधि में पांच समय की नमाज पठन के साथ रोजा छोड़ा जाता है। इस बार  lockdown के कारण अकोट शहर समेत तालुके में सभी और मस्जिद बंद होने से मुस्लिम समाज घर में रहकर रोजा रख रहे हैं फिर भी संचार बंदी लागू है क्या खोने से तार पर कहीं भी नहीं हो रही है । मुस्लिम समाज फल और अलग-अलग खाद्य पदार्थ खरीदी कर रहे हैं । अफ्तार के समय  खाद्य पदार्थ एवं फलों की बड़ी मात्रा में मांग रहती है। किंतु इस बार कोरोना के मद्देनजर लाकडाउन लगने के कारण मुस्लिम समाज समाधान व्यक्त करते हुए  रहे हैं। देश में कोरोना की छाया जल्द से जल्द चली जाए ऐसी दुआएं भी मुस्लिम समाज कर रहे हैं।

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