बगैर अनुमति अवैध रूप से कोविड मरीजों का इलाज करना 3 अस्पतालों को पड़ा भारी...!
मनपा उड़नदस्तो ने की 10 लाख की जुर्माना कार्रवाई
अकोला -महानगर पालिका क्षेत्र में तीन निजी अस्पतालों मे बगैर अनुमति मरीजों को उपचार करने का निदर्शन में आने के बाद तीनों भी अस्पतालों पर मनपा आयुक्त के आदेश अनुसार 10 लाख रुपए की जुर्माना कार्रवाई की गई। अकोला महानगर पालिका क्षेत्र के रामनगर स्थित डॉ नरेंद्र इनके सरोदे श्र्वास अस्पताल मे जिला स्तरीय गठित किए गए उड़न दस्ते ने जांच की तो इस अस्पताल में अस्थीरोग उपचार किया जाता है किंतु उन्होंने अस्पताल में अनाधिकृत रूप से अनुमति ना लेते हुए 7 कोवीड संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने का दिखाई दिया तथा यह मरीजों के साथ ही नियमों का उल्लंघन करके रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी शुरू किए गए उन्होंने नियमों का पालन नहीं करने के कारण अस्पताल पर disaster management act 2005 की कलम 53 अनुसार ₹2 लाख की जुर्माना कार्रवाई की गई तथा अकोला महानगर पालिका क्षेत्र के कौलखेड परिसर में डॉ स्वप्निल प्रकाशराव देशमुख इनके फिनिक्स अस्पताल पर जब दल पहुंचा तो जांच मे जिसमें इस अस्पताल में अनधिकृत रूप से तथा अनुमति ना लेते हुए 9 पलंगों पर कोरोणा मरीजो को भर्ती किए हुए दिखाई दिए तथा अस्पताल के पैनल पर किसी प्रकार के तज्ञ डॉक्टर नहीं होने के बावजूद कोरोना जैसे लक्षण रहने वाले मरीजों को भर्ती करके सहमति पत्र के बगैर अन्य नियमों का उल्लंघन करते हुए रेमडेसीवर इंजेक्शन दिए गए। नियमों का पालन न करने के कारण इस अस्पताल पर भी डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की कलम 51 (ब) एवं 53 अनुसार ₹5 लाख का जुर्माना ठोका गया तथा अकोला महानगर पालिका क्षेत्र के महाजनी प्लाट के डॉ सागर थोटे इनके थोटे हॉस्पिटल एवं चेस्ट क्लिनिक अकोला के पास जिला स्तरीय समिति ने जांच की तो डॉक्टर थोटे ने अन्य स्थान पर अनधिकृत रूप से कोविड केयर सेंटर शुरू करके 13 को संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया एवं नियमों का उल्लंघन करते हुए उन्हें रेमडेसीवर इंजेक्शन का उपयोग किए जाने का भी दिखाई दिया। जिसके कारण उन पर भी डिजास्टर मैनेजमेंट 2005 के नियम 51 (ब )एवं 53 अनुसार ₹3 लाख का जुर्माना ठोका गया उपरोक्त जुर्माने की रकम अगर को 15 दिनों के भीतर नहीं भरने पर 2 साल की शिक्षा का प्रावधान है।
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